शनिवार, जून 10, 2023
होमCINEMA | मनोरंजनBirju Maharaj: प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का निधन

Birju Maharaj: प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का निधन

नई दिल्ली: कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) का निधन हो गया है। उनके रिश्तेदार ने उनके निधन की जानकारी दी। महान कथक नृतक बिरजू महाराज के निधन पर उनकी पोती रागिनी महाराज (Ragini Maharaj) ने बताया कि पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था।

डाउनलोड करें "द गांधीगिरी" ऐप और रहें सभी बड़ी खबरों से बखबर

रागिनी महाराज (Ragini Maharaj) ने कहा कि, बीती रात उन्होंने मेरे हाथों से खाना खाया, मैंने कॉफी भी पिलाई। इसी बीच उन्हें सांस लेने में तक़लीफ हुई हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन उन्हें बचाया ना जा सका।

पीएम मोदी ने बिरजू महाराज के निधन पर शोक मनाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा, “भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”

 

नीतीश ने बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) के निधन पर जताया शोक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद्मविभूषण से सम्मानित कत्थक नृत्य गुरू पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा कि महान कथक नर्तक और पद्म विभूषण पं० #BirjuMaharaj जी का निधन दुःखद।



उनके निधन से कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उन्हें बिहार सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर का कला पुरस्कार 2013 में दिया गया था। वे कलाकारों के प्रेरणास्रोत रहे हैं। विनम्र श्रद्धांजलि। बता दें कि कत्थ नृत्य गुरू बिरजू महाराज का सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। उन्होंने दिल्ली में साकेत के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।

 

बिरजू महाराज परिवार, कैरियर और प्रारंभिक जीवन

बृज मोहन नाथ मिश्रा जिन्हें पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) के नाम से जाना जाता है, भारत में कथक नृत्य के लखनऊ कालका-बिंदादीन घराने के प्रतिपादक थे। वह कथक नर्तकियों के महाराज परिवार के वंशज थे जिसमें उनके दो चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु अचन महाराज शामिल हैं। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का भी अभ्यास किया और एक गायक थे।

भारतीय कला केंद्र बाद में कथक केंद्र नई दिल्ली में अपने चाचा शंभू महाराज के साथ काम करने के बाद वह कई वर्षों तक बाद के प्रमुख बने रहे। 1998 में अपनी सेवानिवृत्ति तक जब उन्होंने अपना स्वयं का नृत्य विद्यालय कलाश्रम भी खोला।

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को कथक प्रतिपादक जगन्नाथ महाराज के घर में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था जिन्हें लखनऊ घराने के अच्चन महाराज के नाम से जाना जाता था। उन्होंने रायगढ़ रियासत में दरबारी नर्तक के रूप में काम किया था। बिरजू को उनके चाचा लच्छू महाराज और शंभू महाराज और उनके पिता द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने सात साल की उम्र में अपना पहला पाठ दिया। 20 मई 1947 को जब वे नौ वर्ष के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया।

पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) ने नई दिल्ली में संगीत भारती में तेरह साल की उम्र में नृत्य सिखाना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में भारतीय कला केंद्र और कथक केंद्र (संगीत नाटक अकादमी की एक इकाई) में पढ़ाया जहां वे संकाय प्रमुख और निदेशक थे।

1998 में सेवानिवृत्त हुए जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में अपना खुद का कलाश्रम नृत्य विद्यालय खोला। उन्होंने सत्यजीत रे के शत्रुंज के खिलाड़ी में दो नृत्य दृश्यों के लिए संगीत तैयार किया और गाया। 2002 के उपन्यास देवदास के फिल्म संस्करण के गाने काहे छेड़ मोहे को कोरियोग्राफ किया।

पंडित बिरजू महाराज के पुरस्कार और सम्मान

  • 1964 – संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
  • 1986 – पद्म विभूषण
  • 1986 – श्री कृष्ण गण सभा द्वारा नृत्य चूड़ामणि पुरस्कार
  • 1987 – कालिदास सम्मान
  • 2002 – लता मंगेशकर पुरस्कार
  • इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट
  • संगम कला पुरस्कार
  • भारत मुनि सम्मान
  • आंध्र रत्न
  • नृत्य विलास पुरस्कार
  • आधारशिला शिखर सम्मान
  • सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार
  • राष्ट्रीय नृत्य शिरोमणि पुरस्कार
  • राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार

फिल्म पुरस्कार

  • 2012 – उन्नाई कानाथु (विश्वरूपम) के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
  • 2016 – मोहे रंग दो लाल (बाजीराव मस्तानी) के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का फिल्मफेयर पुरस्कार
Desk Publisher
Desk Publisher is a authorized person of The Goandhigiri. He/She re-scrip, edit & publish the post online. Pls, contact thegandhigiri@gmail.com for any issue.
You May Also Like This News
the gandhigiri news app

Latest News Update

Most Popular