नई दिल्ली: केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान (Farmers Protest) आज देश भर में ‘‘रेल रोको” अभियान (Rail Roko Abhiyan) चला रहे हैं। किसानों ने दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक रेल रोकने का ऐलान किया है।
इस अभियान के मद्देनजर रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ ही देशभर में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF) की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात कर दी है।
रेल रोको अभियान का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। अंबाला में सैकड़ों की संख्या मे किसान ट्रैक पर बैठ गए हैं।
Red Fort Violence: लाल किले पर तलवार लहराने वाला कौन है मनिंदर सिंह और कैसे हिंसा में शामिल हुआ?
दिल्ली के आसपास भी किसानों ने ट्रैक पर कब्जा कर लिया है और रेल रोकने की तैयारी है। गाजीपुर बॉर्डर के पास मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर भी किसानों का जमावड़ा हो रहा है।
किसानों के रेल रोको अभियान के मद्देनजर टिकरी बॉर्डर, पंडित श्रीराम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशन की एंट्री और एग्जिट बंद किए गए।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह ‘‘रेल रोको” अभियान (Rail Roko Abhiyan) की घोषणा की थी।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक, अरुण कुमार ने कहा कि, ‘मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम जिला प्रशासनों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष बनाएंगे।’
जब ब्रिटिश सांसद ने मोदी सरकार की तुलना हिटलर से की तो बुरी तरह भड़क उठा भारतीय उच्चायोग
उन्होंने कहा कि,’ हम खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा।’
कुमार ने कहा कि, ‘हम उन्हें इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो और हम चाहते हैं कि यह (रेल रोको) अभियान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो जाये।’
देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलों की आवाजाही को अवरुद्ध किया जायेगा।
उत्तरी रेलवे के सूत्रों ने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि ‘रेल रोको’ अभियान आंदोलन (Rail Roko Abhiyan) पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केंद्रित होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि रेल रोको अभियान के मद्देनजर रेलगाड़ियों की आवाजाही पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने मंगलवार को कहा था कि किसान यूनियनें चुनावों को लेकर पश्चिम बंगाल में भी बैठक करेंगी।
उन्होंने संकेत दिया था कि वे वहां के लोगों से उन लोगों को वोट न देने के लिए कहेंगे जो हमारी आजीविका छीन रहे हैं।
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।