लखनऊ। सरकार के खिलाफ प्रदेश के किसान संगठन लगातार एक मंच पर आते जा रहे हैं। यूपी में अब तक 36 किसान संगठनों ने साझा मंच तैयार कर लिया है। अब यह किसान 26 और 27 अगस्त को सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
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दरअसल, सिंधु बॉर्डर पर किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। इसके लिए किसान लगातार एक मंच पर आ रहे हैं। यह मंच प्रदेश में सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में दौरा करेगा।
उन नीतियों के बारे में किसानों को बताया जाएगा, जिससे कि आंदोलन को मजबूत किया जा सके। पिछले दिनों लखनऊ में बैठक कर इसकी रूपरेखा तैयार की गई है।
तय किया गया है कि बलिया, प्रतापगढ़, सीतापुर, फर्रुखाबाद, अलीगढ़, मथुरा, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, तिलहर (शाहजहांपुर), आजमगढ़ और बुंदेलखंड में किसान पंचायतें व किसान रैली की जाएगी।
इसके बाद अक्टूबर अंत तक लखनऊ में एक राज्य स्तरीय किसान पंचायत आयोजित की जाएगी।
टोल फ्री आंदोलन और इन किसान पंचायतों, रैलियों की तारीखें संयुक्त किसान मोर्चे के साथ तालमेल कर जल्द ही घोषित की जाएंगी।
एआइकेएस के महासचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है।
बताया कि पूरे 180 से ज्यादा किसान संगठन केंद्र के खिलाफ लामबंद है। उप्र में भी अब तक करीब 36 से ज्यादा किसान संगठन एक मंच पर आ गए है।
एआईकेए, एआईकेएस, उत्तर प्रदेश किसान सभा, बीकेयू , जेकेएस, किसान फ्रंट इंकलाबी, समाजवादी जन परिषद, अफलातून देशाई, जय किसान आंदोलन, मानवेन्द्र वर्मा समेत दर्जनों लोग शामिल हुए।