नई दिल्ली: सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्मॉग टॉवर (Smog Tower) लगाया गया है। ये स्मॉग टॉवर कनॉट प्लेस इलाके में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर लगाया गया है।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्मॉग टॉवर का उद्घाटन करते हुए इसे देश का पहला स्मॉग टॉवर बताया है।
ट्विटर पर उन्होंने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “Pollution के ख़िलाफ़ युद्ध में देश के पहले Smog Tower की शुरुआत।” इसके साथ ही वीडियो में सीएम को “दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर” यह कहते सुना जा सकता है।
Pollution के ख़िलाफ़ युद्ध में देश के पहले Smog Tower की शुरुआत | LIVE https://t.co/zYDM5GGtQi
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 23, 2021
इस दौरान उनके साथ दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय मौजूद थे। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्मॉग टॉवर का उद्घाटन करने के बाद कहा, “प्रदूषण से लड़ने और दिल्ली की हवा साफ करने के लिए आज दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर लगाया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “इस तकनीक को हमने अमेरिका से आयात किया है। ये स्मॉग टॉवर 24 मीटर ऊंचा है। ये किलोमीटर के दायरे की हवा को साफ करेगा।”
वहीं, एक खबर के मुताबिक जनवरी, 2020 में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर चीन की तर्ज पर दिल्ली का पहला स्मॉग टॉवर लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में पहले ही लगवा चुके हैं। इसका खर्चा गौतम गंभीर फाउंडेशन ने उठाया था।
इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को लोगों ने काफी ट्रोल किया। हालांकि, इससे पहले बेंगलुरु के हडसन सर्किल पर भी देशी तकनीक से तैयार स्मॉग टॉवर लगाने की खबर है।
स्मॉग टॉवर (Smog Tower) की क्या है विशेषताएं
स्मॉग टॉवर प्रति सेकंड 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ कर सकता है। लेकिन ये कितना प्रभावी है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि पंजाब और हरियाणा से दिल्ली के रास्ते में खेतों में जलाने वाली पलारी का धुआं कितना आता है।
दिल्ली में प्रदूषण के लिए किया गया ये अब तक का सबसे बड़ा प्रायोगिक विज्ञान है।
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने में मदद करने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने अक्टूबर 2020 में इस स्मॉग टॉवर वाले परियोजना को मंजूरी दी थी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस स्मॉग टॉवर की कीमत 20 करोड़ रुपये है। इस टावर को दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
स्मॉग टावर का संचालन शुरू होने के बाद इसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए दो साल का अध्ययन किया जाएगा।
स्मॉग टॉवर (Smog Tower) के संचालन की निगरानी के लिए साइट पर एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि विशेषज्ञ प्रदूषण पर इसके प्रभाव का पता लगाएंगे।
उसके बाद सामने आए नतीजों के आधार पर हम और उपकरण लगाने पर फैसला करेंगे।
गोपाल राय ने कहा था कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण स्मॉग टॉवर के निर्माण कार्य में देरी हुई है।