श्रीनगर: कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) के लिए मंगलवार को श्रीनगर में वेबसाइट लांच (Website Launch) होगी। इस ऑनलाइन पोर्टल (jkmigrantrelief.nic.in & kashmirmigrantsip.jk.gov.in) के जरिए कश्मीरी विस्थापित अचल व सामुदायिक संपत्ति से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
आवेदन करने के बाद यूनिक आईडी जेनरेट हो जाएगी। इसके बाद आवेदन उचित कार्यवाही के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के पास पहुंच जाएगा।
इस संबंध में किभी भी जानकारी के लिए राहत एवं पुनर्वास आयुक्त कार्यालय जम्मू से 0191-2586218, 0191-2585458 पर संपर्क कर सकते हैं।
सरकार कश्मीरी विस्थापितों की ससम्मान घर वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है। हाल ही में उप-राज्यपाल ने घाटी वापसी के इच्छुक परिवारों के लिए पंजीकरण को जरूरी बताते हुए संबंधित विभागों को पंजीकरण व्यवस्था के निर्देश दिए थे।
जम्मू समेत देश और विदेशों में बसे कश्मीरी विस्थापित राहत एवं पुनर्वास विभाग के पास अब ऑनलाइन पंजीकरण भी करवा सकते हैं।
Kashmiri Pandit Website वेबसाइट
कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों में कश्मीरी विस्थापित कर्मचारियों के लिए छह हजार ट्रांजिट आवास बनाए जा रहे हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कह चुके हैं कि इन आवासों का निर्माण समय से पूरा करने की प्रक्रिया के बीच कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कुल छह हजार ट्रांजिट आवास में से कुलगाम में 208, बडगाम में 96, गांदरबल, शोपियां, बांदीपोरा, बारामुला, कुपवाड़ा में 1200 जबकि सात अन्य स्थानों पर 2744 आवास बनाए जाने हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत कश्मीरी विस्थापितों की मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का काम शुरू हो चुका है।
कश्मीर से संबंधित विस्थापित मतदाताओं की सूचियों में संशोधन, नाम हटाने व जोड़ने के अलावा जिन मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र में फोटो नहीं हैं, वह लगाए जा रहे हैं।
इस कवायद के लिए कश्मीर के विभिन्न जिलों के जिला चुनाव अधिकारियों के निर्देशों पर टीमें विस्थापित शिविरों का दौरा कर मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने के अलावा चुनाव पहचान फोटो कार्ड की प्रक्रिया को पूरा करने में जुटी हुई हैं।
बता दें कि जून के अंत तक 98,600 कश्मीरी प्रवासियों को आवास प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया था कि कश्मीरी पंडितों को 90,430 आवास प्रमाण पत्र जारी किए गए थे।
जबकि विस्थापित कश्मीरियों के 2,340 परिवारों को नए प्रवासियों के रूप में पंजीकृत किया गया था। इनमें से 8,170 लोगों को आवास प्रमाण पत्र दिए गए।