पश्चिम बंगाल में पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर सिटी सेंटर इलाके में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा के ऊपर एक जूता कंपनी के विज्ञापन का होर्डिंग लगाए जाने के बाद रविवार को जोरदार विरोध हुआ।
डाउनलोड करें "द गांधीगिरी" ऐप और रहें सभी बड़ी खबरों से बखबर
गुरुदेव की पुण्यतिथि के एक दिन बाद हुई इस घटना ने स्थानीय लोगों को भी नाराज कर दिया, जिन्होंने जूता कंपनी के मालिकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने यह भी मांग की कि गुरुदेव की प्रतिमा के ऊपर बड़ा होर्डिंग लगाने वाले लोगों को भी दंडित किया जाना चाहिए।
विज्ञापन स्थानीय लोगों के ध्यान में तब आया जब वे इलाके में एक कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे और रविवार सुबह टैगोर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने गए।
विरोध का नेतृत्व बंगला पोक्खो (Bangla Pokkho) के सदस्यों ने किया, जो एक बंगाली संगठन है जिसका उद्देश्य बंगाली संस्कृति की रक्षा करना है। हालांकि, विरोध के बाद विज्ञापन का होर्डिंग हटा दिया गया।
বাংলা পক্ষ মাঠে নেমে কাজে বিশ্বাসী। পশ্চিম বর্ধমানের দুর্গাপুরে অগ্রবালের কোম্পানি জুতো দেখিয়েছিল রবীন্দ্রনাথকে, বাংলা পক্ষ বাংলা ও বাঙালির শত্রুদের লাল সুতো বের করে দিল। এবার সর্বত্র হবে। দিন বদলাচ্ছে।
সকালের দৃশ্য আর বাংলা পক্ষ যাবার পর দৃশ্য।
জয় বাংলা pic.twitter.com/L2yOveLCIA— বাংলা পক্ষ Bangla Pokkho (@BanglaPokkho) August 9, 2021
उन्होंने टैगोर की प्रतिमा को ‘गंगा जल’ से भी धोया। उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य सरकार इस विज्ञापन को रखने के लिए सभी जिम्मेदार लोगों को दंडित करे।
प्रदर्शनकारी सदस्यों में से एक ने कहा, “बुद्धिजीवी अब इस घटना पर टिप्पणी क्यों नहीं कर रहे हैं? एक जूता कंपनी का होर्डिंग कवि की मूर्ति के ऊपर रखना उनका अपमान है।”
घटना की निंदा करते हुए बांग्ला पोक्खो (Bangla Pokkho) के एक अन्य प्रदर्शनकारी सदस्य ने कहा कि प्रतिमा के सामने एक बगीचा बनाया जाना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता अरिंदम विश्वास ने एक ट्वीट में कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर जी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दुर्गापुर पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि मूर्ति के पास विज्ञापन होर्डिंग लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी।
पुलिस ने कहा कि घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान की जाएगी और उन्हें दंडित किया जाएगा।