भोपाल: राजनीति में मूतना और धुलाना सब आम बात है। नेता अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश में एक आदिवासी व्यक्ति पर भाजपा पदाधिकारी द्वारा पेशाब करने की घटना के बाद जब राज्य में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैलने लगा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित के पैर धोते हुए वीडियो शेयर कर दी। यही नहीं, शिवराज ने अपनी तुलना कृष्ण से और पीड़ित आदिवासी की तुलना दरिद्र सुदामा से कर दी।
एक वीडियो में मुख्यमंत्री को करौंदी के 36 वर्षीय आदिवासी दासमत रावत के साथ सम्मान में उनके पैर धोने से पहले बातचीत करते हुए दिखाया गया है।
यह वीडियो मैं आपके साथ इसलिए साझा कर रहा हूँ कि सब समझ लें कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान है, तो जनता भगवान है।
किसी के साथ भी अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। राज्य के हर नागरिक का सम्मान मेरा सम्मान है। pic.twitter.com/vCuniVJyP0
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 6, 2023
चौहान ने दशमत रावत से कई सवाल पूछे, जिनमें यह भी शामिल था कि वह कैसे आजीविका कमाते हैं और क्या वह और उनका परिवार सरकारी योजनाओं के लाभार्थी हैं।
बचपन के दरिद्र मित्र “सुदामा” का जिक्र करते हुए, जिन्हें भगवान कृष्ण ने उपहारों से नवाज़ा था, मुख्यमंत्री ने कहा: “दशमत, अब तुम मेरे मित्र हो।”
चौहान ने ट्विटर पर तस्वीरें भी साझा की और लिखा: “दशमत जी, यह आपका दर्द साझा करने का एक प्रयास है, मैं आपसे माफी भी मांगता हूं, मेरे लिए जनता ही भगवान है।”
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद दशमत रावत ने कहा, “उन्होंने मेरे परिवार को फोन किया और मेरे परिवार से बात की, मुझे अच्छा लगा। मैं अब उनसे मिलकर लौट रहा हूं।”
दसमत रावत पर पेशाब करते हुए कैमरे में कैद हुए भाजपा पदाधिकारी प्रवेश शुक्ला को मंगलवार को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
वायरल वीडियो में शुक्ला जमीन पर बैठकर दसमत पर पेशाब करते हुए सिगरेट पीते नजर आ रहे हैं। पेशाब करने वाले वीडियो ने चुनाव पहले राज्य में राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है। गौरतलब है कि इस साल के अंत में एमपी असेम्ब्ली चुनाव होने हैं।
दासमत रावत ने पहले एक बयान में वीडियो को फर्जी बताया था, जो कथित तौर पर दबाव में तैयार किया गया था।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री कमल नाथ ने कहा, “राज्य के सीधी जिले से एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का वीडियो सामने आया है। सभ्य समाज में आदिवासी समुदाय के युवाओं के साथ इस तरह के घृणित कृत्य के लिए कोई जगह नहीं है।”