नई दिल्ली: सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत 8 जनवरी को भी बिना किसी फैसले के खत्म हो गई। इसका मतलब किसान आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
अब अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी। इससे पहले 4 जनवरी को भी किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रही थी।
हालांकि इससे पहले हुई छठे दौर की बातचीत में दो मुद्दों पर सहमति बनी थी। उम्मीद थी कि बाकी बचे दो मुद्दों का समाधान खोज लिया जाएगा। लेकिन सरकार और किसान, दोनों ही पक्ष आज किसी समाधान तक नहीं पहुंच सके।
दोपहर दो बजे आंदोलनकारी 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच बातचीत शुरू हुई। यह 8वें दौर की बातचीत थी।
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि किसान यूनियन 3 कानूनों पर विस्तार से बातचीत करे लेकिन, किसान यूनियन कानूनों को रद्द करने पर अड़ी रही। इसलिए हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके।’
7वें दौर की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार के साथ उनके मुद्दों पर बात हुई लेकिन, कोई सहमति नहीं बन पाई।
उन्होंने दोहराया, उनकी एक ही मांग है कि नए कृषि कानून वापस होने चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा, ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’।
उधर, दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने आंदोलन को नया रूप देने का ऐलान किया है।
किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वे 26 जनवरी को दिल्ली की तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।