नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी ‘गणतंत्र दिवस’ (Republic Day 2022) के मौके पर इस बार कोई चीफ गेस्ट उपस्थित नहीं होगा। यह फैसला कोरोना के मद्देनज़र रखते हुए लिया गया है। सरकार इस समारोह में किसी अन्य देश के गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित नहीं करेगी।
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हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को परेड में आमंत्रित करने की परंपरा है।
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि गणतंत्र दिवस समारोह में 5 बड़े देशों के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जा सकता है।
लेकिन कोरोना वायरस से जुड़ी स्थितियों को देखते हुए सरकार ने इस साल किसी भी विदेशी मेहमान को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है।
गणतंत्र दिवस परेड में कोविड प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ 25,000 लोगों को शामिल करने की इजाजत दी गई है।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गणतंत्र दिवस समारोह अब 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से शुरू होगा। 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद्र बोस जयंती है।
गणतंत्र दिवस समारोह से पहले राजपथ की बढ़ाई सुरक्षा
गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) से पहले पुलिस ने राजपथ और उसके आसपास की सुरक्षा काफी बढ़ा दी है। बता दें कि हाल ही में गाजीपुर की फूल मंडी के पास विस्फोटक आरडीएक्स बरामद हुआ था जिसके बाद से ही पुलिस को अलर्ट कर दिया गया था।
राजपथ और उसके आसपास की सुरक्षा बढ़ाने के लिए वहां करीब 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं और चेहरे की पहचान करने वाले सिस्टम भी लगा दिए हैं।
नई दिल्ली के डीसीपी दीपक यादव ने कहा कि जवानों के लिए आतंकी खतरे के अलावा कोविड-19 के केस भी बड़ी चुनौती है।
उन्होंने पुलिसकर्मियों से आवश्यक सावधानी बरतने के साथ ही नई दिल्ली में सुरक्षा के इंतजाम बेहद कड़े रखने के निर्देश दिए हैं।
किसी भी अप्रिय घटना के लिए क्विक रिएक्शन टीमें तैनात की जाएंगी। इसके साथ ही दीपक यादव ने बताया कि हम सुरक्षा घेरा में सेंध लगाने वाल हम उस उड़ने वाली चीजों पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी है कि राजपथ के आसपास हमने 300 कैमरों के साथ चेहरों को पहचान करने वाले सिस्टम लगा दिए हैं।
इस सिस्टम में 50 हजार संदिग्ध अपराधियों को डेटाबेस हैं। दीपक यादव ने आगे बताया कि कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों की वजह से सिर्फ 4 हजार टिकट उपलब्ध रहेंगे और कुल 24 हजार लोगों को ही इस समारोह में शामिल होने की इजाजत दी जाएगी।
गौरतलब है कि 14 जनवरी को दिल्ली की गाजीपुर फूल मंडी में हाल में मिले आईईडी में प्रयुक्त विस्फोटक सामग्री के पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा पंजाब और जम्मू कश्मीर में गिराई गई खेप का हिस्सा होने का संदेह जताया गया है, जिसके बाद से ही अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया था।