नई दिल्ली: तलाक-ए-हसन (Talaq-e-Hasan) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा बयान दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि फिलहाल इस मामले को देखने से लगता है कि तलाक-ए-हसन गलत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने ये बड़ी टिप्पणी करते हुए मामले की सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि प्रथम दृष्टया तलाक-ए-हसन (Talaq-e-Hasan) इतना अनुचित नहीं लगता और इसमें महिलाओं के पास भी एक खुला विकल्प है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया अदालत याचिकाकर्ताओं से सहमत नहीं है, कोर्ट मामले को देखेगी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि मैं नहीं चाहता कि यह मुद्दा किसी अन्य कारण से एजेंडा बने।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला से यह भी बताने को कहा कि आप सहमति से तलाक के लिए तैयार हैं या नहीं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला से यह भी पूछा, ”वह इस मामले को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आई हैं? वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए या नहीं. क्या ऐसे और मामले लंबित हैं?”
बता दें कि गाजियाबाद की एक महिला ने तलाक-ए-हसन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। महिला को उसके पति ने तलाक-ए-हसन (Talaq-e-Hasan) के तहत नोटिस दिया था, जिसे उसने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। महिला का तर्क है कि तलाक-ए-हसन महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है और यह सम्मान के साथ जीने के अधिकार के भी खिलाफ है।
तलाक-ए-हसन (Talaq-e-Hasan) क्या है?
वहीं, तलाक-ए-हसन (Talaq-e-Hasan) में जब पति अपनी पत्नी से एक बार तलाक कहता है तो उसे तलाक माना जाता है। इसके बाद इद्दत का समय शुरू होता है और यह समय 90 दिनों का होता है। कहा जाता है कि इस दौरान पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध नहीं बन पाते हैं। यदि इन 90 दिनों के दौरान पति-पत्नी के बीच संबंध होते हैं, तो तलाक स्वतः ही रद्द हो जाता है। यानी तलाक-ए-हसन को घर पर ही खत्म किया जा सकता है।
तीन तलाक कानून में कौन सा तलाक असंवैधानिक है?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत (Talaq-e-Bidah) को एक बार में ही असंवैधानिक घोषित कर दिया था। हालाँकि, तलाक के अन्य तरीके अभी भी मान्य हैं और वे पहले की तरह ही लागू हैं।
तीन तलाक को तलाक-ए-बिद्दत (Talaq-e-Bidah) कहा जाता है। यह सबसे आम तरीका माना जाता है। इसमें पति एक बार में तीन बार ‘तलाक’ कहकर पत्नी को तलाक दे देता है। इसके बाद शादी तुरंत टूट जाती है। यह तलाक वापस नहीं लिया जा सकता।