नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एक अभियान के तहत हिंडन एयरबेस पर 167 लोगों के साथ आए अफगान सांसद नरेंद्र सिंह खालसा (Afghan MP Narendra Singh Khalsa) भी भारत आये।
उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले 20 साल की सारी उपलब्धियां खत्म हो चुकी हैं। अब अफगान में कुछ नहीं बचा।
खालसा और सीनेटर अनारकली होनरयार के साथ-साथ उनके परिवार सुबह भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान के जरिये काबुल से भारत आए।
सिख सांसद ने उनके परिवारों और उनके समुदाय के अन्य सदस्यों को बचाने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया।
सांसद खालसा ने कहा, “भारत हमारा दूसरा घर है। भले ही हम अफगान हैं और उस देश में रहते हैं पर लोग अक्सर हमें हिंदुस्तानी कहते हैं।”
खालसा ने कहा कि, “मुझे रोना आ रहा है। सब कुछ खत्म हो गया है। देश छोड़ना बहुत कठिन और दर्दनाक फैसला है। हमने ऐसी स्थिति नहीं देखी थी। तालिबान ने सब कुछ छीन लिया।”
काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के बाद पिछले 7 दिनों के कष्टदायक अनुभव को याद करते हुए खालसा ने कहा कि स्थिति बहुत खराब है।
सिख अफगान सांसद ने भारत सरकार से शेष फंसे हिंदुओं और सिखों को युद्धग्रस्त देश से बचाने की अपील की।
खालसा ने कहा कि लगभग सभी भारतीय और अफगान सिख काबुल और अन्य जगहों पर गुरुद्वारों में शरण ले रहे हैं। लगभग 200 अन्य भारतीय लोग बचाए जाने की प्रतीक्षा में हैं।
भारतीयों, अफगान सिखों और हिंदुओं के तालिबानी हिरासत में पूछने पर उन्होंने बताया, “तालिबान ने हमें भारतीयों से अलग किया। हवाई अड्डे के हर गेट पर 5-6 हजार लोग खड़े थे। शुरू में हम अंदर नहीं जा सके।”
खालसा ने आगे कहा कि, “तालिबान के एक शख्स ने हमें परेशान किया। फिर हम वहां से एक गुरुद्वारे में आ गए। हमारे भारतीय मित्रों को भी प्रताड़ित किया गया। फिर रात करीब 8 बजे हम एक वीआईपी प्रवेश स्थल से हवाई अड्डे में दाखिल हुए।”
खालसा ने कहा कि अफगानिस्तान में मंदिर और गुरुद्वारे अभी सुरक्षित हैं।