लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बाद अब तमिलनाडु सरकार ने भी कोरोना संक्रमण काल के दौरान सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने का फैसला किया है।
तमिलनाडु सरकार के इस फैसले पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (Mayawati) ने सराहने के साथ ही तंज भी कसा है। साथ ही मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार को भी सलाह दी है।
1. तमिलनाडु सरकार ने लम्बे चले कोरोना लाॅकडाउन व नए नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध आन्दोलनों के दौरान दर्ज किए गए 10 लाख मुकदमे वापस लेने की घोषणा की है। चुनावी लाभ के लिए ही सही किन्तु यह फैसला उचित। इससे निर्दोषों को राहत मिलने के साथ-साथ कोर्ट पर भी भार काफी कम होगा।
— Mayawati (@Mayawati) February 20, 2021
तमिलनाडु सरकार ने लॉकडाउन उल्लंघन के साथ नागरिकता कानून (CAA) के विरूद्ध आंदोलन में दर्ज दस लाख केस वापस लेने की घोषणा की है।
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इस फैसले पर मायावती ने तंज कस्ते हुए कहा कि, ‘चुनावी लाभ के लिए ही सही किन्तु यह फैसला उचित। इससे निर्दोषों को राहत मिलने के साथ कोर्ट पर भी भार काफी कम होगा।’
2. उत्तर प्रदेश में भी इसी प्रकार के लाखों लम्बित पड़े मामलों से लोग काफी दुःखी व परेशान हैं। अतः यूपी सरकार को भी इनके मुकदमों की वापसी के सम्बंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार जरूर करना चाहिए ताकि लाखों परिवारों को राहत व कोर्ट-कचहरी से मुक्ति मिल सके, बीएसपी की यह माँग। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) February 20, 2021
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि, ‘बीएसपी की यह मांग है कि उत्तर प्रदेश में भी इसी प्रकार के लाखों लंबित पड़े मामलों से लोग काफी दुखी व परेशान हैं। अत: उत्तर प्रदेश सरकार को भी इनके मुकदमों की वापसी के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार जरूर करना चाहिए ताकि लाखों परिवारों को राहत व कोर्ट-कचहरी से मुक्ति मिल सके।’