नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश हो चुकी है। इससे पहले राज्यपाल ने सभी दलों को बुलाकर सरकार बनाने का न्यौता दे दिया है। भाजपा और शिवसेना फिलहाल राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आकंड़ा देने में नाकाम रहे हैं।
अब मौका दिया गया तीसरी सबसे बड़ी शरद पवार की एनसीपी पार्टी को, जिसने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
बुधवार रात तकरीबन साढ़े आठ बजे तक राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए एनसीपी को चिट्ठी देनी है। जिसके लिए एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर माथा पच्ची करने में जुटी रही।
इस बीच राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी गयी है। जिसे कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी हो रही है।
फिलहाल भाजपा किनारे बैठकर राजनीतिक घटना क्रम को देख रही है और अपने शिकार पर नज़र गड़ाए हुए है।
इस बीच जीएनएस को सूत्रों के से ख़बर मिली है कि भाजपा कांग्रेस को दो फाड़ करने में जुटी हुई है।
ख़बर यह भी है कि कांग्रेस के 28 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। बाकी रही कही कसर निर्दलीयों और अन्य दल पूरी करेंगे।
राज्यपाल का महाराष्ट्र के सभी प्रमुख दलों को मौका दिया जाना यह भी एक राजनीतिक हथकंडा के रूप में देखा जा रहा है।
राज्यपाल को पता है कि वर्तमान में महाराष्ट्र में जो आंकडे चुनाव के बाद विधानसभा में विजयी दलों के हैं उसमें कोई दल अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।
भाजपा और राज्यपाल अपने ऊपर यह दोष नहीं लेना चाहते कि अन्य दलों को सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया।
शिवसेना का सपना है कि उसका नेता महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने यही वह रोड़ा है जिसमें महाराष्ट्र की राजनीतिक फिजा को बदल दिया है।
सभी दल सरकार बनाने की रस्सा कशी में जुटे हुए हैं। सूत्रों से ख़बर मिली है कि सभी दलों की सरकार बनाने की अजमाइश के बाद भाजपा मास्टरस्ट्रोक खेलेगी और जोड़तोड़ करके सरकार बनाने का दावा पेश कर देगी।
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी आ रही है कि कुछ कॉरपोरेट कंपनीओं के अधिकारी भाजपा के लिए कांग्रेस के विधायकों का तोड़-जोड़ करके समर्थन जुटाने में लगे है।
हालांकि, कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कि निगरानी में जयपुर भेज दिया है।
फिर भी कांग्रेस के 28 विधायक जो भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं, उसके और बाकी अन्य विधायकों में से 13 विधायक भाजपा के समर्थन में आ सकते हैं।
इस हिसाब से भाजपा 105+28+13=146 विधायकों का समर्थन जुटाने में लगी है। यदि ऐसा हुआ तो शिव सेना और कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार बनाने की हसरत दिल में लिए यह जायेंगे और बाजी फिर से भाजपा मार ले जाएगी।
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