नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 अगस्त को विपक्षी दलों की एक अहम मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल होंगे।
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बता दें कि कांग्रेस की तरफ से बुलाई जा रही ये मीटिंग विपक्षी एकजुटता को बनाए रखने के लिए काफी अहम मानी जा रही है। साथ ही इस मीटिंग को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि मानसून सत्र खत्म होने के बाद ये मीटिंग होगी।
मानसून सत्र के दौरान तमाम विपक्षी दलों ने कृषि कानून, पेगासस जासूसी मामला और महंगाई के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को सड़क से लेकर संसद तक घेरा है।
इसी मोर्चेबंदी को जारी रखने के लिए सोनिया गांधी ने विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने का निमंत्रण गुरुवार को ही भेज दिया था। जानकारी के मुताबिक ये मीटिंग वर्चुअल तरीके से होगी।
मीटिंग 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी काफी अहम मानी जा रही है। इसके अलावा अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस की कोशिश है कि विपक्षी दलों को एकसाथ लेकर बड़ी भूमिका निभाई जाए।
आपको बता दें कि इस मीटिंग में ममता बनर्जी भी शिरकत करेंगी। ये हाल फिलहाल में दूसरा मौका होगा, जब ममता और सोनिया गांधी की बातचीत होगी।
इससे पहले ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर सोनिया गांधी से मिली थीं, जहां उन्होंने विपक्षी एकता पर ही सभी को एकजुट करने की कोशिश की थी।
राहुल गांधी ने भी ट्विटर को लेकर भाजपा पर साधा निशाना
उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपना ट्विटर अकाउंट बंद (लॉक) किये जाने को लेकर खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को इस माइक्रोब्लॉगिंग मंच पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह अमेरिकी कंपनी भारत की राजनीतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही है और लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला कर रही है। उन्होंने यह दावा भी किया कि ट्विटर पक्षपातपूर्ण है और वह सरकार के कहे मुताबिक काम कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि ट्विटर ने राहुल गांधी, कांग्रेस और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के ट्विटर अकाउंट बंद कर दिये हैं। कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में कथित दुष्कर्म एवं हत्या की पीड़िता नौ वर्षीय बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का ट्विटर अकाउंट बंद किया गया था। दूसरी तरफ, ट्विटर ने कहा है कि उसने ये कदम नियमों के तहत उठाए हैं।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मेरा ट्विटर अकाउंट बंद करके वे हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं। एक कंपनी हमारी राजनीति का दायरा तय करने के लिए अपने कारोबार का उपयोग कर रही है। एक नेता के तौर पर मैं इसे पसंद नहीं करता।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है। सिर्फ यह नहीं है कि राहुल गांधी का अकाउंट बंद कर दिया गया। मेरे पास 1.9 करोड़ से दो करोड़ के बीच फॉलोवर हैं। आप उन्हें अपने विचार रखने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। आप यही कर रहे हैं।’’