लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने राजभवन में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित ‘गैलेन्ट्री आवार्ड’ सम्मान समारोह में कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय को परमवीर चक्र (मरणोपरांत), कोमोडोर अरविन्द सिंह को महावीर चक्र, नौसेना मेडल, ब्रिगेडियर प्रशांत कुमार घोष, कर्नल विमल किशनदास बैजल, कर्नल रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी, मेजर विष्णु स्वरूप शर्मा, हवलदार कुंवर सिंह चौधरी (मरणोपरांत) तथा नायक राजा सिंह (मरणोपरांत) आदि को वीर चक्र, मेजर कमल कालिया (मरणोपरांत), लेफ्टिनेंट हरी सिंह बिष्ट (मरणोपरांत) तथा ओनोररी कैप्टन चंचल सिंह आदि को शौर्य चक्र, ब्रिगेडियर नवीन सिंह को वीर चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल, कर्नल बलराज शर्मा, ले0 कर्नल ज्योति लामा तथा ओनोररी कैप्टन गोकुल कुमार प्रधान आदि को शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
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शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय का परमवीर चक्र सम्मान (मरणोपरांत) उनके पिता गोपी चंद पाण्डे, हवलदार कुंवर सिंह चौधरी का वीर चक्र सम्मान (मरणोपरांत) उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी, नायक राजा सिंह का वीर चक्र सम्मान (मरणोपरांत) उनकी पत्नी चंद्रा देवी, मेजर कमल कालिया का शौर्य चक्र सम्मान (मरणोपरांत) उनकी पत्नी अर्चना कालिया, लेफ्टिनेंट हरि सिंह बिष्ट का शौर्य चक्र सम्मान (मरणोपरांत) उनकी माता शांति बिष्ट ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने अपने सम्बोधन में कहा कि, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग व बलिदान के कारण ही हम आज आजादी की ऊर्जा का अनुभवन कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों का जीवन हमारी युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत है। युवा पीढ़ी वीर सैनिकों के आदर्शों को जाने-समझें और उनके परिवार के प्रति जो हो सकता है, उसमें सहयोग करें।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गैलेन्ट्री आवार्ड से सम्मानित सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा भारतीय सेना के प्रति मेरे हृदय में विशेष स्थान है। हमारी सशस्त्र सेनाओं ने युद्ध और शांति के समय समभाव रूप से देश की सेवा के अपने लम्बे इतिहास से स्वयं को तथा अपनी मातृभूमि को गौरव प्रदान किया है। देश की सीमाओं का सुरक्षित होना न केवल देश की अस्मिता एवं सम्मान के लिये आवश्यक है वरन् देशवासियों की सुख-शान्ति एवं प्रगति के लिये भी अपरिहार्य है। हमारी सीमाओं पर कई बार संकट के बादल आये किन्तु हमारे सैनिकों की बहादुरी और पूरे राष्ट्र की एकजुटता के कारण देश की अखण्डता एवं सम्मान पर आंच नहीं आने पायी। यह सत्य है कि सैनिकों के त्याग और बलिदान के कारण ही हम सब देशवासी सुख शान्ति का जीवन व्यतीत कर पाते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि, हमारे सैनिकों का जीवन किसी तपस्या से कम नहीं है। हमारे सैनिक जितनी निष्ठा भाव से देश की रक्षा के लिये तत्पर रहते हैं, उतना उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। सैनिकों के अद्म्य साहस के कारण ही 1971 में पाकिस्तान पर निर्णायक और ऐतिहासिक विजय से हर्षोल्लास के क्षण आए जो कि एक नए राष्ट्र बांग्लादेश के निर्माण का गवाह है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर अब तक असंख्य संघर्षों में सैनिकों की बहादुरी और वीरता ने प्रेरित और राष्ट्र की छवि को मजबूत किया है। राज्यपाल जी ने सरकार की ओर से पूर्व सैनिकों के प्रति वचनबद्धता को दोहराते हुए सशस्त्र बलों की सराहना की।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि, सरकार भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के सम्मान और गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है। इसके साथ ही वार वेटरंस, वीर नारियों तथा विकलांग सैनिकों को पेंशन, रख-रखाव भत्ता तथा एक मुश्त आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के साथ-साथ शिक्षण-प्रशिक्षण तथा रोजगार में भी आरक्षण की व्यवस्था की गयी है।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र ढिमरी, सेना के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा भूतपूर्व सैनिक एवं उनके पारिवारिक सदस्यगण भी उपस्थित थे।