लखनऊ। राजधानी के ग्रामीण इलाके इटौंजा क्षेत्र में कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मरने से पहले किसान ने पहले पत्र में अपनी दर्दकथा लिखी। फिर उस पत्र को जेब में रखकर गांव के बाहर जाकर एक आम के पेड़ पर फांसी लगा ली।
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सुसाइट नोट में कर्ज देने वाले और उसके गुर्गों द्वारा उधार में दी गई रकम से कई गुना अधिक की मांग की जा रही थी। कर्ज अदा न करने पर उसे धमकाया जा रहा था। जिससे आजिज आकर उसने यह कदम उठा लिया।
मृतक के पुत्र की तहरीर पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इटौंजा थाना क्षेत्र के ग्राम नरायनपुर पुर गोधना गांव के किसान लक्ष्मीकांत उर्फ लल्ला ने एक दिन पहले गांव के बाहर आम के पेड़ पर चढ़कर फांसी लगा ली थी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच पड़ताल की तो उसकी जेब से इटौंजा के थानाध्यक्ष को संबोधित एक पत्र मिला था। मृतक के पास से बरामद हुए उस पत्र में लिखा गया था उसने बन्नौर निवासी रामबक्स सिंह से 26 हजार रुपये उधार लिये थे। उसके बदले अब उससे डेढ़ लाख रुपये मांगे जा रहे थे। आये दिन उसे धमकी दी जा रही थी।
सुसाइट नोट में यह भी लिखा है कि, दो लोग उसके गांव नरायनपुर के भागू और लल्ला आये दिन रामबक्स का संदेश लेकर आते और धमकाते थे रुपये दे दो। रुपये न दिये तो समझो दुनिया में नहीं रहोगे।
इस तरह की आये दिन मिल रही धमकियों से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली। मृतक के पुत्र परमानंद की तहरीर पर पुलिस ने तीनों लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिये प्रेरित करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
इटौंजा के कार्यवाहक थाना प्रभारी प्रभात शुक्ला ने बताया मृतक के बेटे की तहरीर पर घटना की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। घटना की जांच की जा रही है।