सीतापुर: चित्रांशू समाज कल्याण परिषद द्वारा जनपद में ब्लाक के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किय गया। जिसका मुख्य उद्देश्य नवविवाहित जोड़े तथा जिन दंपतियों का परिवार पूरा हो गया हो और अब वह परिवार आगे नहीं बढ़ाना चाहते, उन्हें परिवार नियोजन के साधन अपनाने की सलाह देने का रहा। ताकि उनका परिवार खुशहाल परिवार बना रहे।
आयोजित पखवाड़ा में परिवार नियोजन के तकनीक जैसे नसबन्दी, अतंरा इजेक्शन, छाया गोली आदि परिवार नियोजन के साधन बताये गए।
कार्यक्रम को साॅझा प्रयास नेटवर्क के जिला टेनिंग एंड रिसर्च ऑफिफिसर अर्चना मिश्रा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि, “हमारी टीम द्वारा लगभग सभी सीएचसी पर पहुंचकर लोगों को सुरक्षित गर्भसमापन के बारे में पूरी जानकारी दी गई।
अर्चना मिश्रा ने कहा, “आज भी लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, क्योंकि अभी भी लोग नहीं जानते कि 1971 एक्ट के नियम के तहत कुछ परिस्थितियों में गर्भसमापन करवाना 20 सप्ताह तक कानूनन वैध है।”
उन्होंने कहा कि, “कानून भी कहता है कि अगर विवाहित महिला कोई परिवार नियोजन का साधन इस्तेमाल कर रही है और वह विफल हो गया या महिला के साथ बलात्कार हुआ हो और वह गर्भवती हो गई अथवा गर्भवती महिला को कोई गम्भीर मानसिक या शारीरिक बीमारी के कारण जान का खतरा हो या फिर होने वाले में गंभीर जन्मजात विकृति होने की संभावना हो, तो महिला गर्भ को स्वेच्छा से हटा सकती है, लेकिन सिर्फ सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा ही। इस मौके पर परिषद के पदाधिकारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।”