प्रयागराज: गंगा और यमुना दोनों तेजी से घट रही हैं, जिससे शहरवासियों और अधिकारियों में बाढ़ की भयावह स्थिति का डर अब दूर हो रहा है।
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शनिवार को बहुत धीमी गति से दोनों नदियों का जलस्तर घटने लगा था। हालांकि शुक्रवार सुबह से ही जलस्तर में गिरावट ने रफ्तार पकड़ ली है।
शाम 4 बजे फाफामऊ में गंगा 3 सेमी की दर से घट रही थी, और छतनाग में 4 सेमी प्रति घंटे की दर से घट रही थी।
यमुना 5 सेमी प्रति घंटे की दर से घट रही थी। दरअसल, छतनाग में गंगा अब 84.73 मीटर के खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
शाम चार बजे फाफामऊ में गंगा 85.25 मीटर और छतनाग में 84.29 मीटर पर बह रही थी। वहीं नैनी में यमुना 84.98 मीटर पर बह रही थी।
अब जलस्तर में तेजी से गिरावट से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने अपने घरों को लौटने की तैयारी शुरू कर दी है।
जो लोग अपने घरों की पहली मंजिल पर चले गए हैं, उन्होंने अपने भूतल को बहाल करने के लिए मजदूरों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
छोटा बग्धा इलाके के निवासी धर्मेंद्र कनौजिया ने कहा, “चूंकि मेरे घर का पूरा भूतल बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है, इसलिए मुझे पहले इसे साफ करना होगा और फिर वापस जाने से पहले नए सिरे से पेंट लगाना होगा।”
जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमों ने शुक्रवार को कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
एनडीआरएफ के निरीक्षक दिनकर त्रिपाठी ने कहा, “हमने बाढ़ वाले इलाकों में फंसे लोगों को मुरमुरे, पीने का पानी, बिस्कुट और अन्य खाने की चीजें वितरित कीं।”
उन्होंने कहा, “दोनों नदियाँ घटने लगी हैं, और हमारा मानना है कि यमुना भी, छतनाग में गंगा की तरह, शुक्रवार रात तक खतरे के निशान से नीचे आ जाएगी। फाफामऊ में गंगा भी शनिवार तक खतरे के निशान से नीचे चली जाएगी और आने वाले दिनों में भी यह गिरावट जारी रहेगी।”