शनिवार, जून 10, 2023
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US 9/11 हमले के 20 साल बाद भी मुस्लिम-सिख बन रहे नफरत का शिकार: रिपोर्ट

वाशिंगटन: भारतवंशी अमेरिकी प्रमिला जयपाल समेत कांग्रेस की महिला सदस्यों के एक समूह ने शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें 11 सितंबर 2001 (US 9/11 Attack) के हमले के दो दशक बाद भी पूरे अमेरिका में अरब, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया मूल के लोगों और मुस्लिमों तथा सिखों के खिलाफ नफरत, भेदभाव और नस्लवाद को स्वीकारा गया है।

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20 years after US 911 attack, Muslim-Sikhs continue be hatred victims

प्रस्ताव में सांसदों प्रमिला जयपाल, इल्हान उमर, राशिदा तलैब और जूडी चू ने स्वीकार किया कि लोगों के धर्म, जाति, राष्ट्रीयता और आव्रजन स्तर के आधार पर सरकार ने उन्हें निशाना बनाया।

प्रस्ताव में इन समुदायों को अनुचित तरीके से निशाना बनाने वाली सरकारी नीतियों की समीक्षा करने, उनकी जांच करने तथा उनके प्रभावों का ब्योरा तैयार करने के साथ ही उन्हें समाप्त करने के लिए समुदाय आधारित संगठनों के साथ काम करने के लिए एक अंतर-एजेंसी कार्यबल के गठन का विचार भी है।



प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतर-एजेंसी कार्यबल के निष्कर्षों तथा सिफारिशों को समझने के लिए कांग्रेस तथा नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा सुनवाई होनी चाहिए।

प्रस्ताव में मांग की गयी है कि स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान तथा राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन मिलकर नफरत की भावना, सरकार द्वारा निशाना बनाए जाने और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर जानकारी दर्ज करने के लिहाज से अध्ययन करें। इस प्रस्ताव का अनेक समुदाय आधारित संगठनों ने समर्थन किया है।

प्रस्ताव के अनुसार अमेरिका में अरब, मुस्लिम, पश्चिम एशियाई, दक्षिण एशियाई और सिख समुदायों को लंबे समय तक भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ा है जो 11 सितंबर के हमलों के बाद बढ़ गए हैं।

प्रस्ताव के अनुसार 9/11 2001 हमले (US 9/11 Attack) के बाद पहले सप्ताह में समुदाय आधारित संगठनों ने उन अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह तथा घृणा की भावना से हुई 645 घटनाओं को दर्ज किया था जो पश्चिम एशियाई या दक्षिण एशियाई मूल के माने जाते हैं।

नफरत के इस माहौल की वजह से सभी के जीवन में और उनके कार्यस्थलों, कारोबारों, सामुदायिक केंद्रों तथा पूजा स्थलों में डराने-धमकाने तथा हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं।

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