इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत की बेटी को इस्लामाबाद से अगवा करके उन्हें कई घंटों तक बंधक बनाए रखा गया और उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। दोनों देशों में अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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अफगानिस्तान के राजदूत की बेटी सिलसिला अलीखिल (Silsila Alikhil) के साथ शुक्रवार को हुई इस स्तब्धकारी घटना के मामले में फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मामले की तत्काल जांच की मांग की है और कहा कि अलीखिल को ‘‘बुरी तरह से प्रताड़ित” किया गया।
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अस्पताल की चिकित्सकीय रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके सिर पर प्रहार किए गए, कलाइयों और पैरों पर रस्सी से बांधे जाने के निशान हैं और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। आशंका है कि राजदूत की बेटी के शरीर की कई हड्डियां टूटी हुई हैं और एक्सरे करने के आदेश दिए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें पांच से अधिक घंटे तक बंधक बनाए रखा गया और इस्लामाबाद पुलिस उन्हें अस्पताल ले कर आई। अलीखिल को अगवा करने और रिहाई के संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।
पाकिस्तान ने हमले को ‘‘विचलित” करने वाला बताया और कहा कि इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के राजदूत के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह ‘‘इस जघन्य कृत्य” की कड़े शब्दों में निंदा करता है, साथ ही उसने पाकिस्तान में अफगान राजदूतों और उनके परिवारों की सुरक्षा के प्रति चिंता जताई।
पाकिस्तान की प्रमुख महिला सांसद शेरी रहमान ने शुक्रवार को हुई इस घटना की निंदा की और ट्वीट किया, ‘‘अफगानिस्तान के राजदूत की बेटी एक महिला हैं और मध्य इस्लामाबाद में उन्हें घूमने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वह पाकिस्तान में राजनयिक सुरक्षा की हकदार हैं।”
पाकिस्तान के जाने माने पत्रकार हामिद मीर ने ट्वीट कर प्रश्न किया कि इस्लामाबाद में इस प्रकार की घटना कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि शहर में लगे महंगे कैमरों का काम ही क्या है फिर?
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकारों और यहां तक कि एक पुलिस अधिकारी को भी इस्लामाबाद में अगवा किया जा चुका है, इस संबंध में कुछ लोगों को ही गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘राजनयिक मिशनों, राजनयिकों और उनके परिवारों की रक्षा और सुरक्षा बेहद अहम है। इस प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
इस घटना के बाद अफगानी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी सरकार को फोन किया है। इसमें अफगान एंबेसी की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग की है। साथ ही वहां मौजूद सभी राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा भी अंतर्राष्ट्रीय संधियों और प्रावधानों के हिसाब से करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों में सबकुछ सामान्य नहीं है। एक तरफ अफगानी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पर तालिबान का साथ देने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बात से साफ इंकार किया है।