जापान: जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने ब्रिटिश विमानवाहक पोत ‘एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ’ (HMS Queen Elizabeth) का पहली बार जापान के बंदरगाह पर पहुंचने का स्वागत किया।
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उन्होंने कहा कि चीन के अपनी सैन्य ताकत और प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यूरोपीय देशों की भागीदारी शांति और स्थिरता की कुंजी है।
किशी ने विमान वाहक पोत पर सवार ‘स्ट्राइक ग्रुप’ के कमांडर, कमोडोर स्टीव मूरहाउस से मुलाकात की। टोक्यो के पास योकोसुका में अमेरिकी नौसेना के अड्डे पर पहुंचा।
चीनी नौसेना के बढ़ते दबदबे और कई क्षेत्रों पर दावा जताने के बीच जापान, अमेरिका के साथ पारंपरिक गठबंधन से परे अपने सैन्य सहयोग का विस्तार करना चाहता है।
योकोसुका पहुंचने से पहले ‘एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ’ पोत ने अमेरिका, नीदरलैंड, कनाडा और जापान के युद्धपोतों के साथ संयुक्त अभियान में हिस्सा लिया।
किशी ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के लिए (चीन के) एकतरफा प्रयास (के मामलों) में यूरोपीय देशों की दिलचस्पी है।
यूरोपीय देशों की भूमिका इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि बंदरगाह पर युद्धपोत के पहुंचने से जापान-ब्रिटेन का रक्षा सहयोग आगे और बढ़ेगा।” ‘स्ट्राइक ग्रुप’ मई में ब्रिटेन से रवाना हुआ था।
वर्ष 2017 में सेवा में शामिल ‘एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ’ ब्रिटेन का सबसे बड़ा और शक्तिशाली युद्धपोत है। यह पोत एफ-35 लड़ाकू विमानों जैसे 40 विमानों को ढो सकता है।