वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेताओं ने न्यूयॉर्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा (Mahatma Gandhi Statue) को विरूपित किए जाने की सोमवार को निंदा की और कहा कि यह गांधी और मार्टिन लूथर किंग का अपमान है।
न्यूयॉर्क के यूनियन स्क्वैयर में स्थित महात्मा गांधी की कांसे की आदमकद प्रतिमा को विरूपित किया गया था। भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘‘घृणित” करार दिया था।
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने बताया था कि मैनहट्टन के समीप यूनियन स्क्वैयर में लगी महात्मा गांधी की आठ फुट की प्रतिमा (Mahatma Gandhi Statue) को कुछ अज्ञात लोगों ने विरूपित कर दिया।
‘‘हिंदू धर्म मानने वाले एक अफ्रीकी अमेरिकी के तौर पर मुझे इस बात का बेहद दुख है कि किसी ने उस महात्मा गांधी का अनादर किया, जिन्होंने एमएलके (मार्टिन लूथर किंग) को अहिंसा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिन्होंने समाज में बड़े बदलावों को प्रेरित किया, जिनका आज भी हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव है।”
‘हिंदूपैक्ट’ के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि अमेरिका में गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की यह पहली घटना नहीं है।
अमेरिकन हिंदू अगेंस्ट डिफेमेशन (एएचएडी) के संयोजक अजय शाह ने एक बयान में कहा कि गांधी और उनके द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलन ने किंग और अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन को प्रेरित किया।
शाह ने कहा, ‘‘अटलांटा में एमएलके मैमोरियल में महात्मा गांधी को समर्पित एक क्षेत्र है। यह कोई संयोग की बात नहीं है कि ‘ब्लैक हिस्ट्री मंथ’ के दौरान गांधी की प्रतिमा को विरूपित किया गया है।”
उन्होंने कहा कि, “इस कृत्य के अपराधी और उनके प्रायोजक यह संदेश दे रहे हैं कि उन्होंने शांति, मानवाधिकार, स्वतंत्रता और सभी के समान अधिकार को स्वीकार नहीं किया है।”
भारत के बाहर अमेरिका में ही महात्मा गांधी की सबसे अधिक प्रतिमाएं हैं। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा था, ‘‘तत्काल जांच के लिए अमेरिका के विदेश मंत्रालय के समक्ष इस मामले को उठाया गया है और उनसे इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।”
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल जनवरी में कैलिफोर्निया में और दिसंबर 2020 में वाशिंगटन डीसी में भी गांधी की प्रतिमाएं (Mahatma Gandhi Statue) क्षतिग्रस्त की गई थीं।